छठ व्रत का वैज्ञानिक महत्व भी है। इसमें तीन दिनों तक व्रती बगैर मसाले के भोजन करते हैं। व्रत का सबसे वैज्ञानिक महत्व यह है कि भोजन में साफ-सफाई अधिक होती है, जो सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। छठ में इस्तेमाल होने वाले फल और सब्जियां विटामिन ए और सी से भरपूर होती हैं। उपवास का भी लाभ मिलता है।
चर्म रोगियों के लिए भी लाभदायक है यह व्रत : प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरकांत झा का कहना है कि छठ व्रत में इस्तेमाल होने वाला भोज्य पदार्थ उबला हुआ होता है। यह मिर्च-मसाले से रहित होता है, जो शरीर के लिए लाभदायक है।
साल में एक बार ही ऐसा मौका आता है जब लोग तीन दिनों तक ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। भोजन में गन्ने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। सिंघाड़ा (पानी फल) में विटामिन ए और सी रहता है। सब्जियां विटामिन ए से भरपूर रहती हैं।
लौकी किडनी और हार्ट के लिए काफी फायदेमंद हैं। भोजन में नमक नहीं होता है। मांस-मछली, अंडा, मसालेदार भोजन करने से शरीर में टॉक्सिक (विषैला पदार्थ) बढ़ जाता है। उपवास रखने से शरीर से टॉक्सिक पूरी तरह बाहर निकल जाता है, जो शरीर के संतुलन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।